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Summer Season in India शुरूआती गर्मी में जहां हवां के माध्यम से आनंद की प्राप्ति होती है वहीं कुछ समय पश्चात बढ़ते गर्मी के पारे के वजह से लोगों का हाल बेहाल

Summer Season in India

Summer Season in India शुरूआती गर्मी में जहां हवां के माध्यम से आनंद की प्राप्ति होती है वहीं कुछ समय पश्चात बढ़ते गर्मी के पारे के वजह से लोगों का हाल बेहाल

 

Summer Season in India का  परिचय

Summer Season in India
Summer Season in India

पृथ्वी के सूर्य के परिक्रमा करने के फलस्वरूप ऋतुओं में परिवर्तन होता है। जिससे गर्मी, बरसात और ठंड का अनुभव हम सभी को प्राप्त होता है। सालों से होती आ रही ऋतु परिवर्तन के वजह से मनुष्य तथा जीव-जन्तुओं ने स्वयं को उसके अनुकूल ढाल लिया है। फिर भी प्राकृतिक शक्ति के रूप में ऋतु परिवर्तन हमारे जीवन परगहरा प्रभाव डालती है।

 

भारत में ऋतु के प्रकार

भारत में छह ऋतुएँ पाई जाती है – वर्षा, ग्रीष्म, शरद, शिशिर, हेमंत और बसंत ऋतू। सभी ऋतुएँ दो माह कीहोती है। प्रत्येक ऋतु अपने साथ एक अलग आनंद और उत्साह लेकर आती है। ऋतू वर्ष की एक कालखंड होती है, जिसमे मौसम की दशाएं खास प्रकार की होती है।

 

Summer Season in India भारत में ऋतु परिवर्तन

भारतीय पंचांग के अनुसार वर्ष की शुरूआत चैत्र माह से होती है, तथा भारत में ऋतु चक्र का प्रारंभ भी ग्रीष्म ऋतु (गर्मी) चैत्र (मार्च-अप्रैल) माह से होती है। शुरूआती गर्मी में जहां हवां के माध्यम से आनंद की प्राप्ति होती है वहीं कुछ समय पश्चात बढ़ते गर्मी के पारे के वजह से स्कूल बंद कर दिए जाते हैं। मई-जून की धूप से तपती धरातलव लू से लोग व्याकुल हो जाते हैं। इस साल 2024 में उत्तर भारत में पर 46 डिग्री तक जा चुका है जबकि दिल्ली के बाहरी इलाके का तापमान जो राजस्थान की तरफ है वहाँ 52 डिग्री से ऊपर जा चुका है। आसमान छूते तापमान के कारण पंक्षीयों के लिए पेड़ पर पानी रखा जाता है तथा जगह-जगह सड़क के किनारे पर मुसाफिरों के लिए भी पानी का प्रबंध किया जाता है। बरसात का मौसम शुरू होते ही कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश होने के कारण नदियों का स्तर इस प्रकार बढ़ता है की गांव के गांव खाली करने पड़ जाते हैं और शहर भी उससे अछुते नहीं रह पातें।

 

Summer Season in India में, परिवार व दोस्तों के साथ पिकनिक और छुट्टी पर कहीं दूर जाने का सुखद आनंद की प्राप्ति

गर्मी वर्ष का सबसे गर्म मौसम होता है हालांकि, बच्चों के लिए बहुत ही रुचि पूर्ण और मनोरंजक मौसम है क्योंकि  इस दौरान उन्हें समर कैंप, तैराकी करने, पर्यटन पर प्रभाव: गर्मी के कारण पर्यटकों की संख्या में कमी आ जाती है। लोग पहाड़ी इलाकों और समुद्र तटों पर छुट्टियाँ मनाने जाते हैं जहाँ तापमान तुलनात्मक रूप से कम होता है बच्चों को आइस-क्रीम खाने, लस्सी पीने, पसंदीदा फल खाने आदि का मौका मिलता है। वे गर्मी के मौसम में स्कूल की छुट्टियों का आनंद लेते हैं। यह चार शीतोष्ण ऋतुओं में से एक है, जो वसंत और पतझड़ के बीच में आता है।

 

 

Summer Season in India जीवन पर प्रभाव

स्वास्थ्य पर प्रभाव: अत्यधिक गर्मी के कारण लोगों को डिहाइड्रेशन, सनबर्न और हीटस्ट्रोक जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर और स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस समय ज्यादा पानी पीने, हल्के कपड़े पहनने और धूप से बचने की सलाह देते हैं।

 

कृषि पर प्रभाव: ग्रीष्म ऋतु किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण होती है। इस समय पानी की कमी के कारण फसलें सूखने लगती हैं। हालांकि, यह समय आम और तरबूज जैसी फसलों के लिए उपयुक्त होता है।

 

 

समाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ: ग्रीष्म ऋतु में कई धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार भी मनाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, होली का त्योहार मार्च में आता है जो ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत का संकेत देता है। इसके अलावा, विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय मेलों का आयोजन भी होता है।

 

Summer Season in India ग्रीष्म ऋतु के लाभ

फलों का मौसम summer season fruits: यह समय आम, लीची, तरबूज, खरबूज जैसे रसीले फलों का मौसम होता है। आम तो भारत का राष्ट्रीय फल है और इसे “फलों का राजा” भी कहा जाता है।

 

धूप का फायदा: धूप विटामिन डी का प्रमुख स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होता है। ग्रीष्म ऋतु में प्रचुर मात्रा में धूप मिलने से विटामिन डी की कमी नहीं होती।

 

निष्कर्ष

भारतीय ग्रीष्म ऋतु अपने साथ चुनौतियाँ और अवसर दोनों लेकर आती है। जहाँ एक ओर यह समय बेहद गर्म और शुष्क होता है, वहीं दूसरी ओर यह हमें रसीले फलों और धूप का आनंद लेने का मौका भी देता है। उचित सावधानियों और उपायों के साथ इस ऋतु का सही ढंग से सामना किया जा सकता है। गर्मी के मौसम के दौरान हमें आरामदायक सूती कपड़े पहनने चाहिए। हमें गर्मी की ऊष्मा से बचने के लिए ठंडे पदार्थों का सेवन करना चाहिए। हमें गर्मियों के मौसम में ठंडक प्रदान करने वाले संसाधनों का प्रयोग करना चाहिए हालांकि, ग्लोबल वार्मिंग के बुरे प्रभावों को रोकने के लिए बिजली का प्रयोग कम करना चाहिए। हमें बिजली और पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए। हमें अपने आस-पास के क्षेत्रों में अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए और गर्मी को कम करने के लिए उन्हें नियमित रुप से पानी देना चाहिए।

 

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